Monday, January 25, 2010

Wake up call.....

      सर्दियो की इस ठण्ड में सुबह जल्दी उठे तो क्यों उठे ? वो भी इस ठण्ड में .... पर क्या करे हर कोई तो खाली नहीं होता न मेरी तरह . पर क्या करे किसी को ऑफिस जाना है , किसी को घर का काम करना है , तो कोई बच्चो को स्कूल भेजने के लिए जल्दी उठता है ताकि उनके लाल दुलारे घर का बना पोष्टिक भोजन ले कर जाए  और बड़े बुजुर्ग उनकी तो आदत होती है जल्दी उठने की... हमारे दादा- दादी, नाना - नानी घर के बड़े जल्दी उठ जाते है . आदत कहे या एक नियम जी हाँ, आदत नहीं नियम . बड़े बुजुर्गो का मानना है सुबह सूर्य उदय से पहले जाग जाओ , जल्दी से घर की साफ़-सफाई कर स्नान कर के सूर्य नमस्कार करे , सूर्य को जल चढ़ाए और अपने दिन की शुरुवात करे .अब हर घर के अपने अपने नियम .

     तो बात यह है कि आपके दिन कि शुरुवात कैसे होती है क्या आपको घड़ी कि ट्रिंग ट्रिंग जगाती है , मोबाइल का अलार्म या किसी के चिल्लाने की आवाज़ / मम्मी स्टाइल " उठ जाओ स्कूल नहीं जाना क्या या ऑफिस नहीं जाना क्या " (हा हा हा एक औरत के अनेक रूप ) ? जब मैं स्कूल जाती थी कभी अलार्म की आवाज़ सुनाई नहीं दी चाहे वो कितनी देर से बजे ही जा रहा है बजे ही जा रहा है पर  ..... मम्मी की आवाज़ से जरुर जग जाती  और टालते हुए फिर रजाई तानी और सो गए वापस से क्यूंकि छुट्टी करने के नए नए बहाने  . चलो अलार्म हो या मम्मी हो ,टाल सकते है ..... किन्तु परन्तु तो यह है भैया by chance पापा जी मुझसे पहले उठ गए और देखा " ये लड़की अभी तक नहीं उठी " तो बस मेरा नाम ले के " उठ जा "  फिर क्या था ...नींद जाये  कुए में , चाहे कितनी ठण्ड हो पर " उठ जा sushmita वरना डांट की बरसात हो जाएगी" ऐसे में मेरे जैसी नन्नी सी जान बेमन से उठती और चुपचाप स्कूल के लिए ready होती .


   बात तो यह है dear बहाना चाहे कुछ भी हो इन सभी को हम तो एक ही नाम देना चाहेंगे    "wake up call "




     जी हाँ और जाहिर सी बात तो यह है अगर सुबह सुबह प्रकति के ऐसे खुबसूरत नज़ारे देखने को
मिले तो दिन की शुरुवात और भी अच्छी बहुत खुबसूरत हो जाती है . सोचिए चाय की प्याली हाथ में और सामने ऐसे खुबसूरत नज़ारे ....... कभी कभी ऐसे ही छोटे छोटे पलों को आप ही कहीं न कहीं एहमियत देते है और चाहते भी है जब आप नींद से जागे बिना किसी टेंशन के

"कि जी जल्दी उठाना है वरना ऑफिस के लिए लेट हो जायेंगे" . आप जागे और गर्म गर्म चाय की प्याली आपके सामने रखी हो , आप उठ कर अपनी बालकोनी में जाए और चाय की चुस्कियों के साथ प्रकति से भी कुछ बातें करे.

 kuch baatein..   दिल से जी हाँ बिलकुल दिल से ....

     आज kuch baatein.. में बस इतना ही क्यूंकि चाय का नाम लेते ही आपकी तरह मेरा भी मन करेगा क्यों ना एक एक कप चाय हो जाए .....



  जी हाँ, मुस्कुराते रहिये खुश रहिये और वो... वो जो आपकी book है ना.... अरे ! वही जिंदगी की secret book उसमें ऐसे ही खुबसूरत पल अपने खयालों की कलम से रंग भरी बना दीजिये यकीन मानिए कभी फुर्सत के पलों में यही पल याद करने में बहुत मज़ा आयेगा कि आप किस तरह से इन्ही छोटी छोटी बातों को एक खुबसूरत अंदाज़ से जीते है और कितनी एहमियत देते है .



good night ....

Friday, January 22, 2010

Darna Mana Hai .........

      22 jan ..... abhi kuch hi din pehle kitni excitement thi ke ab new year aa raha hai , planning kar rahe the kaha jaana hai , kya karna hai aur ab 1jan se 22 jan ho gayi batao to jara .. pata chala kaise time beet gaya ... time to samaye rath par baith kar bhaag raha hai .

   kher chodo yeh dimaag ghumaana , baat karte hai meri (ha ha ha) .

   Aaj mein khush hun thodi thodi nahi thodi jyada pata hai kyuuuuuu? mujhe bhi nahi pata . Waise mujhe khush hone ke liye koi bahaana nahi chahiye bas kisi kisi din ki starting hi achhi hoti hai aur poora din achha achha rehta hai . Arre jyada soachiye mat isme koi logic nahi , betuki baatein karna meri aadat hai . ab kya karu baat karne ke liye koi topic nahi hai na ... isliye aapko paka rahi hun .

     Aaj kal hum log kaise ho gaye hai ajeeb se Bhala baat karne ke liye bhi koi topic hona chahiye , nahi na....... phir aisa kyu hota hai ? me aur aage likhna nahi chahti kyunki likha toh ye pakka hai aage se aap mera blog nahi padhenge ...

Isse pehle aap bhaage ,,,, me hi jaa rahi hun




      ha ha ha  DARNA MANA HAI....................

    

Friday, January 15, 2010

14jan(horrible) / 15jan( lovely day)...... ((((( ON AIR ))))))

  आज 14 जनवरी...
 कोई कहता है मुझे बहुत खुश हूँ मैं .. कोई कहता है बहुत खुश रहती हूँ मैं....
खुश हूँ मैं और खुश रहती हूँ मैं , देखने में मिलते-जुलते शब्द पर हो सकता है इसका मतलब अलग भी हो



खुश हूँ मैं - जो अपनी आत्मा अपने दिल से खुश है और ज़ाहिर भी कर रहे है
खुश रहती हूँ मैं - जो खुश रहते है खुश दिखते भी है , हो सकता है खुश ना हो कर भी खुश रहते है

इंसान खुश तब भी रह सकता है जब वो अपनी आत्मा अपने दिल से दुखी है, कहने में एक जैसा परन्तु अर्थ अलग .




     
       कल मैं आपसे ये सब बातें कर रही थी ओह आज 15 जनवरी है दरअसल ऊपर लिखी बातें मैंने कल लिखी थी . अधूरा लेख आज पूरा करना चाहती हूँ . लिखते लिखते कल मेरी तबियत खराब हो गयी थी , मैंने झट से कंप्यूटर बंद किया और सोने चली गयी पर तबियत ज्यादा बिगड़ जाने से मुझे रात 1 बजे डॉक्टर के जाना पड़ा . आज कुछ ठीक हूँ आराम करते करते मेरा मन किया वापस अपने लेख की और ध्यान दूँ और आप सभी के साथ फिर से इस सफ़र में आगे बढना चाहूंगी. कोशिश करुँगी आगे से ऐसी कोई भी गंभीर बातें ना करू इससे मेरी तबियत खराब हो जाती है और जिसको भी पता चलता है वो फिर मुझे डांटते है , ना बताऊ तो भी नाराज़ हो जाते है इसलिए यहाँ मैंने ज़िक्र कर ही डाला ही कल मेरी तबियत खराब हो गयी थी...

    आज का दिन बहुत खुबसूरत रहा वो ऐसे ...... आज मुझे delhi university जाना था , किसी कारण वश मैं लेट हो गयी . हुआ यूँ मैंने internship लैटर दिया था तो कल कॉल आई की Sushmita कल आपका interview है और सुबह 10 :30 बजे आ सकती है आप ? मैंने कहा जी जरुर .... अब तब से मैं सोच में पड़ गयी की interview ? क्या होगा interview में पता नहीं क्या होगा ( मुझे लगा internship के लिए कोई interview होता होगा पता नहीं मुझे बिलकुल समझ नहीं आया की आज क्या होना था ). मैं गयी एक तो पहले ही लेट बहुत बुरा लग रहा था interview में ही लेट क्या होगा मेरा ? डर डर कर रेडियो स्टेशन में एंट्री की . जैसे ही अंदर गयी किसी ने कहा सुष्मिता आप कितनी लेट हो गयी ऐसे नहीं होता आपको टाइम पर आना था मैं और डर गयी ( बेटा आज तो मैं गयी सही मेरी खबर लेने वाले है आज सब ) एक भैया ने एक दरवाज़ा खोला और बोले सर sushmita आ गयी , सर ने कहा आओ सुष्मिता मैंने कहा सॉरी सर आने में काफी प्रॉब्लम हो गयी थी इस वजह से लेट हो गयी ( पर नो excuse ग़लती है तो है ) Sir ने कहा Sushmita कल को आप जॉब के लिए जाएँगी और ऐसे लेट होंगी तो कैसे काम चलेगा इतने में कहा "बैठिये "





नज़ारा कुछ यूँ था मेरे सामने 2 RJ ( Radio Jockey ) दोनों के आगे mike जहाँ मुझे बैठाया वहां भी मेरे आगे mike और mike के आगे अच्छे अच्छे के पसीने छूट  जाते है . मैं बैठी वहां गाने चल रहे थे बहुत ही पुराने गीत ( कहते है न OLD is GOLD ) . फिर मुझे बहुत ही प्यार से


Mr . Sunil ji (RJ ) ने कहा-Sushmita आप बैठिये और बहुत ही आराम से बिना टेंशन लिए बताइए क्या करती है आप ?


मैंने बताया मैं B .COM (prgm ) final year में हूँ और साथ ही मैंने radio fm का course किया है...


उन्होंने कहा ठीक है जब मैं आपसे ON AIR पूछुंगा आप यही बताना और जैसे मैं इशारा करूँगा तो समझ जाना आपको mike से कितने distance पर रहना है ( जिससे मेरी आवाज़ का level पता चलता कहीं मेरी आवाज़ फट तो नहीं रही या तीखी आ रही है या कहीं ज्यादा सोफ्ट है? )




1 sec . के लिए मैं चौंक गयी ये क्या हो रहा है क्यूंकि मुझे तो लगा मेरी internship के लिए interview लिया जा रहा है यहाँ तो पता चला मेरा खुद का ON AIR interview है ........ DU 90 .4 fm पर 11 -12 एक प्रोग्राम आता है जिसका नाम है " मेरी पसंद community से "पर 11 बजे as a guest आने के लिए कॉल ये कॉल आई थी. अच्छा तो बहुत लगा ये तो अचानक का surprise मिला पर टेंशन की ये मैं अचानक कैसे कर पाऊँगी . पर वहाँ के टीम member बहुत अच्छे है उन्होंने मुझसे बहुत अच्छे से बात की और मुझे कहा कुछ मत सोचो बस बिंदास बैठो और हमसे बातें करो - Urvashi ji (दूसरी RJ ने कहा )

  फिर क्या था उन्होंने पूछा आपको कैसे songs सुनना  पसंद है मैंने बताया सूफी तभी Mr . Sunil जी ने कह दिया हम Sushmita से एक गाना सुनना चाहेंगे ,उन्होंने मेरा एक पसंदीदा गीत प्ले किया Kailash kher का -Saiyaan . मैंने Urvashi जी को कहा ये गाना ..... ये तो मुझे बहुत पसंद है सर ने कहा देखा आपने कहा सूफी हमने चलाया सूफी ... तो मैंने कहा Sir अब मैं कौन सा गाना सुनाउंगी पहले तो मुझे फसा दिया गाना गाना पड़ेगा और प्ले भी वो ही किया जो मैंने गाने के लिए सोचा तो Urvashi बोली कोई बात नहीं तुम ये ही सुनाना ........ गाना खत्म होते ही ON AIR " चलिए Sushmita अब आपको अपना वादा पूरा करना पड़ेगा और हमारे listners को गाना सुनाना पड़ेगा



मैंने की ख्वाइश पूरी
और कुछ यूँ गुनगुनाया

"

तू जो छू ले प्यार से,


आराम से मर जाऊ
आजा चंदा बाहों में,


तुझ में ही गुम हो जाऊ में ,
तेरे प्यार में खो जाऊ ....


सैयां .... सैयां ...


हीरे मोती में ना चाहू , में तो चाहू संगम तेरा
मैं ना जानू तू ही जाने मैं तो तेरी तू है मेरा ....... "

सभी ने तारीफ़ की ( अब तारीफ़ तो करनी पड़ेगी जब उन्होंने गाने की गुजारिश की , अब गाना चाहे कैसा भी हो )





फिर कुछ देर बाद पूछा Sushmita आपको inspiration , motivation कहाँ से मिलता है अपनी लाइफ में ?



" मेरी inspiration मेरे friends है, मुझे बहुत inspire करते है अपनी ज़िन्दगी में मैं जो बनना चाहती हूँ वो सभी मुझे हिम्मत देते है, हर मोड़ पर मेरा साथ देते है मेरी गलतियों पर मुझे डांटते है , मेरी अच्छी बातों की तारीफ करते है कुछ artificial behave नहीं करे , गुस्सा आता है गुस्सा ज़ाहिर करते है ,,, बहुत अच्छे friends है मेरे "




यूँ ही बातों का सिलसिला चलता रहा समय कब बीत गया पता ही नहीं चला , मैं RJs के साथ वो मेरे साथ बहुत घुल -मिल गए थे मुझे 1min . को भी यह एहसास नहीं हुआ की मैं पहली बार इन सभी से मिल रही हूँ बातें कर रही हूँ ....


Urvashi जी ने कहा Mam यह Sushmita बहुत अच्छी लड़की है इसको तो internship दे ही दीजिये इसका बात करने का लहजा बहुत अच्छा है , इसको radio मे बहुत interest भी है .


मेरे friends की wishes ने बहुत साथ दिया आज , मैं उनसे शुक्रिया करना चाहूंगी और कहना चाहूंगी


यूँ ही हर घड़ी मेरे साथ रहना
इस सफ़र को और खुबसूरत बनाते रहना




Sushmita...

Monday, January 11, 2010

10/11 january....

        11 january ek aur thanda thanda din (ha ha ha), last year se jyada thand hai is baar. Aji sardiyo me thand nahi hogi to kab hogi.. chaliye गप-शप  karte hai , aaj ki khichdi kaise paki i mean aaj poora din kya kiya maine...

मैं एक ख़ास पल, जो मेरे लिए था उसे आपके साथ बांटना चाहूंगी ...

          
       Aaj evening me mujhe ek awaaz sunaai di bahut hi khubsurat awaaz . Ji haan ji haan jaanti hu aap kahenge Awaaz MADHUR hoti hai KHUBSURAT nahi par aisa kehne se mein nahi ruk saki kyunki itni UMDAA awaaz, itna tej, itni graceful,dil tak pahunchne wali awaaz jo parichaye de rahi thi ki yeh aur kisi ki nahi ek naye kalaakar ek naye singer TOSHI SABRI ki hai. Toshi Shabri ki awaaz ki deewani mein tab se hu jab se Toshi ne apne safar ki shuruwaat VOICE OF INDIA prgrm se ki thi aur mujhe aaj bhi yaad hai Toshi ne apni pehchaan kuch hi dino me bana li thi aur bado se le kar youth tak ko yeh awaaz bahut pasand aai. Apne pehle audition me Toshi ne ek sufi geet gaya jiske bol the - PIYA RE... aur apne pehle hi audition performance itni best di thi ABHIJEET DA ne kaha " jab hamaare desh me 24 carat ka gold milta hai to videsho se 18 carat gold ki kya jarurat hai" itni badi taareef audition me hi ...

     Maine har ek gaana suna hai jo bhi ab tak Toshi ne gaya , ek dum laazawaab singer hai. Sufiyaane ke baadshaah. Kuch yu hua aaj mein kitchen me thi aur papa tv par AMUL MAHA MUQABLA dekh rahe the achaanak mujhe awaaz suni di main aise paaglo ki tarha room me aai aur sab ko kaha chup ho jaao Toshi aa gaya ( ha ha ha) Toshi ne hamesha ki tarha ek aur sufi geet gaya SAIYYAN.... jis geet me Kailash kher ne apni awaaz di hai , par Toshi ne yeh gaana gaya aur kamaal gaya.
    
     Aaj poore din ka mera favourite song SAIYYAN meri jubaan par chad gaya hai , kaash mujhe ek mauka mile aur is gaane ko mein sirf us insaan ko sunaau jo mere liye bahut khaas ho us din ka intazaar rahega jab mein poore dil se ye gaana kisi ko sunaau . Darasal mein kabhi kisi ko gaana nahi sunaati thoda sharmaati jyada hu ( ha ha ha ) ... aur kabhi gaaya bhi hai toh aisa ke sunne me bura na lage kam se kam thik thik lage .

    Ek dil ki khwaaish hai jise bhi me gaana sunaau wo bahut hi dil se gaaya ho aur awaaz par dhyaan na de kar gaane ke lyrics samjhe .... (ha ha ha) meri awaaz achhi nhi hai phir bhi kuch baatein karne ke liye koi aur  zariye bhi apnaaya jaata hai jaise ki maine pehle bhi kaha tha MUSIC IS THE LANGUAGE OF THE SOUL .......




                                                                    dream....



Sushmita..

Saturday, January 9, 2010

8 जनवरी

     कल 8 जनवरी ,इस मौसम का सब से ठंडा दिन और मौसम विभाग के मुताबिक़ पिछले 5 सालो में, अधिकतम तापमान सब से निचले स्तर पर चला गया था. हर तरफ धुंध की चादर बिछी हुई थी . सर्द हवा का एहसास बहुत ही रूमानी था , रूमानी कहू या जबरदस्त ठण्ड . बहुत बहुत बहुत ठण्ड थी कल और मेरे लिए ....



सर्द हवा का तेज झोखा
जैसे इसने कस के बाहों में भरा 
आगे बढ़ते ही लगता
जैसे इसने कदमो को जकड़ा


चेहरे पर हवा और कोहरे की मार
आँखों के आंसू को पलकों का साथ
हाथों की उंगलिया बेजान
उसमे बाँवरे मन की पुकार


चलना तो है आगे, बढ़ना तो है आगे
यू मायूस होने से क्या होगा
जो किया वो भुगतना पड़ेगा
फिर आंसू हो या हवा इससे क्या गिला


   
   ठण्ड से कांपती हुई जब वापस घर आई , बिना कुछ बताये बिना कुछ सुने खामोशी के साथ एक कोने में बैठी. चलने की हिम्मत नही हो रही थी. ठण्ड से टूट चुकी थी ,ठिठुरती हुई अपने बिस्तर पर बैठे-बैठे आखे बंद करे कब एक झपकी लगी पता ही नहीं चला . पर वो झपकी नहीं थी बस शान्ति थी........ पलको से बहता आंसू गालो को छूता हुआ गर्दन पर पहुंचा इसी के साथ आँखे बंद करते ही पलके खुली , किस ने कहा वो एक झपकी लगी ? बस वो मंज़र शांत करना था खुद को खुद से दूर करना था ....









Thursday, January 7, 2010

january 07

   Itne din baad apne blog ki aur dhyaan dia ... in dino bilkul mann hi nahi kia kuch likhu aur likhu bhi kya roz sochti hu aaj kya likhu .. jab blog dekha to bahut hi boring boring sa laga, maine note kia ki mere blog me aisa kuch bhi nahi hai jo padhne me kuch khaas ho.
mujhe pata chal hi gaya mera friend $undEr jhooth bolta hai, har baar badha -chadha kar bolta hai ki SUSHMITA TU BAHUT ACHHA LIKHTI HAI aise hi likhti reh, ek din tu achha aur bahut achcha likhne lagegi. kyu $undEr yeh toh tujhe bhi pata hai main achcha nahi likhti phir bhi kyu jhooth bolta hai ....??


  Mujhe  pata hai tu aise isliye kehta hai taaki main kuch na kuch likhu , agar abhi achha nahi likh rahi to kabhi na kabhi to likh paungi .. isliye tu mujhe aise kehta hai. TUM FRIENDS kahin na kahin kuch jyada hi sath dete ho pucho kyuuuu....? wo isliye kyunki tumhare friend ko bura naa lage par agar tum hi log nahi bataoge toh kaun batayega ke actual me sach kya hai??  yeh sach me bade nikkamme hote hai .

  Is naalayak ladke aur mere friends ki buraai karte karte main nahi thakungi per thand itni ho rahi hai aur type karne me problem ho rahi hai but main buraaiya jarur karungi ( kabhi kabhi mauka jo milta hai) .. kyu naaa karuuu is $undEr Uncle ki tarha mujhe bhi buraai karne me mazzzzzaaa aata hai  .... $undEr( jise main GHAR GHAR KI CHOTI BAHU kehti hu) wo isliye kyunki yeh naalayak hai hi aisa jab dekho jab tak saari baat sabko nahi bata deta tab tak isko chain nahi padhta( ISKA HAAZMA KHARAAB HO JATA HAI ha ha ha) ....

  Jab dekho aurton ki tarha PACHAR PACHAR iska FM on rehta hai ... jab tak isko koi yeh na keh de bas kar bhai maaf kar hume tab bhi nahi chup hota by chance baat maan bhi jaaye toh kuch nahi kahega perrrrrrrr..... jab dobaara miloge toh bolega --- ARRE YAAD HAI US DIN MAIN KUCH BATA RAHA THA .. ACHCHA SUN NAA AAGE .

  ab kya kar sakte hai hume jhelna hi padhta hai isko.....





  

Friday, January 1, 2010

Happy New Year ....

Happy New Year





to all of you


...... aaj kisi bhi friend se baat nahi hui, sab busy hai.